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Monday 25 March 2013

एक लम्हा एक मंजर गुजर जाता है

एक लम्हा एक मंजर गुजर जाता है ,
जब अपना कोई बेगाना नजर आता है ,
यूँ तो आवाज आती है हर शीसे के टूटने की ,
पर कभी बिना आवाज के बहुत कुछ टूट जाता है |

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